Friday, 6 December 2013

Diabetes Free Life

मित्रों नमस्कार,

मैं अपने  पहले ब्लॉग में आपका स्वागत करता हूँ।

मेरे जीवन में जून 2013 में एक नए दोस्त का आगमन हुआ। एक ऐसा दोस्त जो जीवनपर्यंत मेरे साथ रहने की उम्मीद के साथ आया था लेकिन मैं उसे अपने साथ बिलकुल भी नहीं रखना चाहता था। अब आप सोच रहे होंगे की मेरी मानसिकता इतनी संकीर्ण है कि जीवनपर्यंत मेंरे साथ की उम्मीद रखने वाले दोस्त के लिए ऐसे विचार? मेरे सभी परिचितों ने मुझे काफी समझाया कि ये दोस्त जीवनभर मेरा साथ देगा लेकिन मैं उसे किसी भी क़ीमत पर अपने साथ नहीं रखना चाहता। क्या आप जानते है मैं ऐसा क्यों कर रहा था? अरे आप कैसे जानेंगे; मैंने तो अभी तक आपको उसका नाम भी नहीं बताया। चलो अभी बता देता हूँ। बड़ा मीठा सा नाम है उसका - मधुमेह! जी हाँ - डायबिटीज! है ना मीठा सा नाम? अब तो आपको अंदाजा हो गया होगा कि मैं उसे अपने साथ क्यों नहीं रखना था।

मेरे इस अवांछित दोस्त के आगमन की कहानी भी बड़ी ही रोचक है जिसके बारे में मैं आपको अपनी अगली पोस्ट में बताऊंगा।


Hello friends

 I welcome you to my first blog.

A new friend arrived in my life in June 2013.  A friend who came with the hope of being with me for life, but I did not want to keep him with me at all.  Now you must be thinking that my mindset is so narrow that such thoughts for a friend who is expected to be with me for life?  All my acquaintances explained to me that this friend will support me for a lifetime but I do not want to keep him with me at any cost.  Do you know why I was doing this?  Hey how would you know;  I haven't even told you his name yet.  Let me tell you now.  His name is very sweet - diabetes!  Yes - Diabetes!  Isn't it a sweet name?  Now you must have guessed why I did not want to keep it with me.


The story of the arrival of this unwanted friend of mine is also very interesting, about which I will tell you in my next post.